उत्तराखंड सरकार द्वारा 20,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों और 17,045 स्कूलों में 7 लाख से अधिक बच्चो के लिए मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना चलायी गयी। इस योजना के तहत 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चो और कक्षा 1 से 8 के छात्रों को उचित पोषण प्रदान करने के लिए मुफ्त में दूध दिया जायेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 13 मार्च 2020 को देहरादून में मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चो के साथ, जो पहले से ही आँचल अमृत योजना के तहत दूध प्राप्त कर रहे है, श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अब मिड डे मील योजना के तहत 1 से 8वीं कक्षा तक के बच्चो को सप्ताह में एक बार पौष्टिक दूध उपलब्ध कराएगी।
आंगनवाड़ी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1,72,200 बच्चो को सप्ताह में 4 बार दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। अब 17,045 स्कूलों के 6,90,00 बच्चो को भी सप्ताह में एक बार दूध उपलब्ध कराया जायेगा।
बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधर के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के तहत सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 साल के बच्चों को सप्ताह में 4 दिन विटामिन A और D युक्त फोर्टिफाइड दूध दिया जाता है। उत्तराखंड आँचल अमृत योजना 2021 के तहत उत्तराखंड बजट में 13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
महिला अधिकारिकता एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस योजना को राज्य में “कुपोषण से लड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना शुरू की गयी है क्योंकि राज्य में 18,000 बच्चे कुपोषण से पीड़ित है।”
इस योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा की “आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगभग 7 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे है। क्योंकि इनमे से अधिक बच्चे समाज से वंचित वर्गों से आते है और उन्हें पोषण उचित ढंग से मिल नहीं पाता है। इसलिए अब सरकार उन बच्चों को सप्ताह में एक बार पौष्टिक दूध उपलब्ध कराएगी।”
