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बैंगन की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकताएं और तैयारी

Posted on December 10, 2020 By User No Comments on बैंगन की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकताएं और तैयारी

बैंगन उगाते समय, मिट्टी बहुत कम ही कोई अवरोधी कारक होती है। हालाँकि, इसके पौधे उचित वायु संचार और जल निकासी की व्यवस्था वाली रेतीली मिट्टियों में सबसे अच्छी तरह पनपते हैं। अपनी गहरी जड़ों के कारण, यह टमाटर के पौधे की तुलना में सूखे को ज्यादा सहन कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ, बैंगन को बिल्कुल गीली मिट्टी पसंद नहीं है। बैंगन के लिए सबसे अच्छा पीएच स्तर 6 से 7 का होता है। ऐसे मामले भी हैं, जिनमें किसानों ने 8,5 पीएच वाली मिट्टी में बैंगन उगाकर औसत उपज प्राप्त की है, लेकिन इसके लिए विशेष प्रबंधन की जरूरत होती है।

बैंगन के पौधे की रोपाई से लगभग 1 महीने पहले मिट्टी की सामान्य तैयारी शुरू हो जाती है। किसान उस समय अच्छी तरह जुताई करते हैं। जुताई से मिट्टी में वायु संचार और जल निकासी में सुधार होता है। साथ ही, जुताई करने पर मिट्टी से कंकड़-पत्थर और दूसरी अनचाही चीजें निकल जाती है।

एक हफ्ते बाद, कई किसान किसी स्थानीय लाइसेंस प्राप्त कृषि विज्ञानी से परामर्श के बाद, अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद या सिंथेटिक व्यावसायिक खाद जैसे पूर्व-रोपण खाद डालते हैं। ज्यादातर किसान उसी दिन टिलेज ट्रैक्टरों का प्रयोग करके खाद की एक समान परत खेत पर बिछा देते हैं। अगला दिन ड्रिप सिंचाई की पाइप लगाने का सही समय होता है। इसे लगाने के बाद, यदि मिट्टी के विश्लेषण में मिट्टी में संक्रमण की समस्या पता चली है तो कुछ किसान सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मृदा कीटाणुशोधन पदार्थ भी डाल सकते हैं (अपने क्षेत्र में लाइसेंस प्राप्त कृषि विज्ञानी से पूछें)।

अगला और सबसे महत्वपूर्ण चरण है, एक सीधी रेखा में पॉलिथीन बिछाना (विशेष रूप से उन देशों में जहाँ बैंगन लगाने के मौसम के दौरान मिट्टी का तापमान पर्याप्त रूप से गर्म नहीं होता)। कई उत्पादक काले या हरे रंग के इन्फ्रारेड-संचारण (आईआरटी) या काली प्लास्टिक की फिल्म से पंक्तियों को ढंक देते हैं। वे इस तकनीक का उपयोग इसलिए करते हैं, ताकि जड़ क्षेत्र का तापमान उचित स्तर (>21 °C या 70 °F) पर बना रह सके और जंगली घास को बढ़ने से रोका जा सके।

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