क्या है डिजिटल एग्रीकल्चर ? – पहले के समय में कम तकनीकों की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। क्योंकि कई किसानों को फसल में आयी कमियों के बारे में पता नहीं चल पाता था और किसी फसल के बुवाई की सही विधि व उसके देख-रेख का सही से पता नहीं चल पाता था जिससे कई बार फसल में कीड़े लगने या अन्य किसी वजह से फसल पीली पड़ने के कारण फसल नष्ट हो जाती थी। इसका कारण किसानों का सही से जागरूक ना होना था कई किसानों को अपनी फसल के नष्ट होने का पता नहीं चल पाता था। लेकिन अब इस समस्या का समाधान हर किसान को पता है क्योंकि इन सब की जानकारी आजकल इंटरनेट पर मिल जाती है। इंटरनेट द्वारा किसान कृषि वैज्ञानिकों की राय प्राप्त कर सकते है और अपनी फसल को नष्ट होने से बचा सकते है।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” डिजिटल एग्रीकल्चर को आगे बढ़ाने के लिए और गाँवों में डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 1 जुलाई 2015 को “डिजिटल इंडिया” की शुरुआत की थी उनके इसी प्रयास ने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया है। कुछ साल पहले तक किसान पुराने पारम्परिक तरीकों से खेती करते थे उनके पास इतने साधन और सुविधाएं नहीं थी की वे खेती में नए प्रयोग कर पाए या खेती में होने वाली समस्याओं से निपट पाए लेकिन पिछले कुछ समय में किसान डिजिटल एग्रीकल्चर के प्रति काफ़ी जागरूक हुए है जिससे कृषि क्षेत्र का काफ़ी विस्तार हुआ है।
‘डिजिटल एग्रीकल्चर’ का अर्थ फसलों की पैदावार बढ़ाने और खेती को सक्षम व लाभदायक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और सेवाओं का इस्तेमाल करना है। किसान अब खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं से निपटने और नयी कृषि विधियाँ सिखने के लिए इंटरनेट से जुड़ रहे है। जिसमे हर तरह की जानकारी व मौसम का हाल भी जान पा रहे है जिससे वह अपनी फसल की सुरक्षा का इंतज़ाम कर पाते है।
कृषि में Information Technology – सरकार द्वारा किसानों के हित में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा कई प्रकार की एप्लीकेशनस बनायीं गयी है जिससे किसान हर प्रकार का लाभ प्राप्त कर पाएंगे। सोशल मीडिया द्वारा भी किसानों को कई जानकारियाँ प्राप्त हो जाती है। सोशल मीडिया में किसानों के लिए ग्रुप बनाये गए है। जिसमें किसान अपने सवाल जवाब, विचार – विमर्श कर सकते है। इस ग्रुप द्वारा एक किसान दूसरे किसान से परामर्श ले सकते है तथा नयी तकनीक को साझा कर सकते है। सोशल मीडिया में फेसबुक, व्हाट्सप्प आदि कई एप्लीकेशनस में यह सुविधा उपलब्ध है। सरकार द्वारा भी कई फेसबुक पेज बनाये गए है जिसमें कृषि सम्बंधित नयी – नयी जानकारी प्राप्त कर सकते है। फेसबुक पेज “Rajya Kisan Ayog, Uttrakhand” को आप फॉलो कर सकते है।
डिजिटल एग्रीकल्चर को बढ़ावा – सरकार द्वारा डिजिटल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है जिससे हमारे देश के किसानों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े। सरकार द्वारा कई योजनायें, एप्लीकेशनस व हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए है। जिसके द्वारा किसान लाभ प्राप्त कर पाएंगे और उनको कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किसान कॉल सेंटर – सरकार द्वारा किसानों की समस्या के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जिसमें किसान घर बैठे अपनी फसल से सम्बंधित जानकारियाँ और किसानों के लिए दी गयी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है इसके लिए उसको जगह – जगह जाने के आवश्यकता नहीं पड़ेगी और काम आसानी से हो पायेगा। किसान साल सेंटर का नंबर पूरे देश में जारी किया गया है जिसमें किसी भी शहर, राज्य, जिला के किसान अपनी भाषा में कर संपर्क कर सकते है। यह बिलकुल मुफ्त सेवा है इसमें किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं देना होता है।
सरकार द्वारा चालयी गयी योजनायें – आप सरकार द्वारा चली गयी योजनाओं को जानने के लिए आगे के ब्लॉग पढ़ा सकते है।
