Skip to content
  • उत्तराखंड सरकार
  • Government of Uttarakhand
Rajya Kisan Ayog

Rajya Kisan Ayog

राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड

  • Home
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Ayog Meeting
  • Meeting With Farmers
  • Scheme Exclusion
  • Guidelines
  • FAQ
  • अन्य लिंक
  • Toggle search form

पशुओं को हरा चारा खिलाने के लिए बोएं मक्का और लोबिया, जानें कैसे

Posted on December 14, 2020December 14, 2020 By User No Comments on पशुओं को हरा चारा खिलाने के लिए बोएं मक्का और लोबिया, जानें कैसे

हमारे कृषि प्रधान देश में अधिकतर मिली-जुली खेती होती है, लेकिन फिर भी किसान अनाज की फसलों के अलावा हरा चारा भी उगा लेते हैं क्योंकि हमारे यहां पशुओं की संख्या दूसरे देशों के पशुओं की अपेक्षा ज्यादा है. बताया जाता है कि देश में खेती के लिए लगभग 4% क्षेत्रफल में ही चारा उगाया जाता है.  इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि देश में हरे चारे की कमी है, तो वहीं पशुओं को दिए जाने वाले दानें और चुरी की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रहीं हैं. ऐसे में किसानों के सामने एक अच्छा विकल्प है कि वह खेती की उन्नत विधियाँ अपनाएं, जिससे हरे चारे की पैदावार प्रति हेक्टेयर बढ़ सके और पशुओं को भी दिया जा सके. इससे किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन में भी फ़ायदा होगा.

जैसे फसलों की अधिक पैदावार के लिए खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है, वैसे ही दुधारू जानवरों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है. हर मौसम में हरा चारा उपलब्ध होना ज़रूरी है. बता दें कि  फ़रवरी में आलू की खुदाई और मार्च में सरसों की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं, इसलिए फरवरी और मार्च में हरे चारे की बुवाई कर देनी चाहिए ताकि मई और जून में पशुओं को हरा चारा मिल सके. ऐसे में अगेती चारे की फसलों में मक्का और लोबिया प्रमुख हैं, इसलिए मक्का और लोबिया की खेती करनी चाहिए. आज हम अपने इस लेख में इसी की पूरी जानकारी देने वाले हैं.

किस्मों का चयन

फसल की ज्यादा उपज के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव करना पड़ता है. मक्का की अच्छी पैदावार के लिए कई किस्म लगा सकते हैं, लेकिन उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में फ़रवरी और मार्च में बोई जाने वाली अफ़्रीकन टाल मक्का सबसे अच्छी मानी जाती है. इसके अलावा लोबिया की किस्मों में एशियन जोयंट, ई.सी 4216, सीन 152 और उत्तर प्रदेश में लोबिया की खेती करने के लिए 5286 अच्छी किस्में है. ध्यान रहे कि इनके बीज अच्छी संस्था से ही खरीदें.

फसल की बुवाई

इन फसलों में बुवाई के लिए उचित नमी का होना बहुत ज़रूरी होता है, इसलिए ध्यान दें कि खेत में फ्लेवा के बाद 1 से 2 बार जुताई कर दें. तो वहीं बुबाई फ़रवरी से मार्च के अंतिम सप्ताह तक कर लेनी चाहिए.

उर्वरक

उर्वरक हमेशा मिट्टी की जांच करने के बाद देना चाहिए. लोबिया एक दाल वाली फसल है, इसलिए  अधिक नाइट्रोजन की आवश्कता नहीं होती है. ऐसे में करीब 20 किग्रा, नाइट्रोजन और 30 से 35 किग्रा, फॉस्फोरस तत्वों की मात्रा प्रति हेक्टेयर दे सकते हैं. ध्यान दें कि मक्का की फसल में ज्यादा नाइट्रोजन देने की ज़रूरत है, क्योंकि मक्का घास कुल की फसल है.

फसल की सिंचाई

फसलों की सिंचाई पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. पहली सिंचाई बुवाई के करीब 20 से 25 दिन बाद कर देनी चाहिए, जिससे अगर बीज नमी की कमी के कारण ठीक से जम नहीं पाया हो, तो वह सिंचाई के वक्त जम जाए. ध्यान दें कि पहली सिंचाई हल्की और दूसरी-तीसरी सिंचाई करीब 15 दिन के अंतराल पर कर देनी चाहिए. इस तरह फसल से चारा हरा भरा पैदा होता है.

कटाई और उपज

फसलें हरे चारे के लिए करीब 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती हैं. दलहनी और गैर दलहनी फसलों को मिलाकर बोया जाना चाहिए और इनकी कटाई भी साथ-साथ करनी चाहिए. इस तरह चारे में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की काफी मात्रा मिलती है, जिससे पशुओं को अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट चारा मिलता है, साथ ही पशुओं के दूध की मात्रा भी बढ़ती है. मक्का और लोबिया की सहफ़सली खेती काफी अच्छी मानी जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर करीब 400 क्विंटल हरा चारा मिल सकता है

Post

Post navigation

Previous Post: खेती बन सकती है मुनाफे का सौदा, बशर्ते तकनीक नई हो
Next Post: जानिए किसान भाई मिट्टी की जांच कैसे, कब एवं क्यों करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News & Updates

The First Meeting is being conducted on 02/08/2021.

National Website

  •  National portal of India
  •  Ministry of Comm. & IT
  •  Portal for Public Grievances
  •  Government Web Guidelines
  •  National Knowledge Network

Uttarakhand Govt. Websites

  •  Election Commission of India
  •  Chief Electoral Officer – Uttarakhand
  •  Uttarakhand Tourism Development Board
  •  Uttarakhand Government Orders
  •  Uttarakhand Transport Corporation (UTC)

Citizen Services

  •  e-District Jan Seva Kendra
  •  Tax Department
  •  e-Tendering System
  •  Court Cases
  •  MDDA

State at a Glance

  •  Governor
  •  Chief Minister
  •  Raj Bhawan
  •  uttarakhand vidhan sabha
  •  Uttarakhand State AIDS Control Society

Copyright © 2025 Rajya Kisan Ayog.

Powered by Uttarakhand Rajya Kisan Ayog

Complaint
Enquiry
Suggestion Box
Subscribe

If you opt in above we use this information send related content, discounts and other special offers.