पहले से ही केंद्र सरकार की सहायता वाली किसी अन्य पेंशन स्कीम का सदस्य होने पर वर्कर मानधन योजना के लिए पात्र नहीं होगा.
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना शुरू की है. घर के काम करने वाली मेड, ड्राइवर, प्लंबर, मोची, दर्जी, रिक्शा चालक, धोबी और खेतिहर मजदूर इसका फायदा उठा सकते हैं. इसके तहत ऐसे लोगों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद हर महीने 3 हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन मिलेगी. साथ ही पेंशन पाने के दौरान यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पेंशन की 50 फीसदी धनराशि उसके जीवनसाथी को पेंशन के रूप में दी जाएगी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 42 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. इन लोगों के पास इस योजना का लाभ उठाने का मौका है. आंकड़ों के मुताबिक, 6 मई तक करीब 64.5 लाख लोग इसमें अपना पंजीकरण करा चुके हैं.
इसके तहत रजिस्ट्रेशन के लिए उम्र 18 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए. केवल उन्हीं लोगों को इसका फायदा मिल सकता है जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है. पहले से ही केंद्र सरकार की सहायता वाली किसी अन्य पेंशन स्कीम का सदस्य होने पर वर्कर मानधन योजना के लिए पात्र नहीं होगा.
किन दस्तावेजों की जरूरी पड़ेगी?
इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए इन तीन दस्तावेजों की जरूरत होगी :
1. आधार कार्ड
2. आईएफएससी के साथ सेविंग या जनधन अकाउंट
3. वैध मोबाइल नंबर
कैसे करना होगा आवेदन?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की वेबसाइट पर व्यक्ति को नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) का पता लगाना होगा. यहां बताए गए दस्तावेजों को ले जाना नहीं भूलें. सुनिश्चित कर लें कि सेविंग अकाउंट की पासबुक पर आईएफएससी कोड छपा हो. सीएससी के जरिये रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शाखा, राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी), ईपीएफओ या केंद्र और राज्य सरकार के लेबर ऑफिस में भी जाकर आवेदन किया जा सकता है. कुछ राज्यों के श्रम विभाग खुद भी इसमें पंजीकरण के लिए अभियान चला रहे हैं.
कितना करना होगा कॉन्ट्रिब्यूशन?
इसमें उम्र के हिसाब से कॉन्ट्रिब्यूशन करना होगा. जिस सदस्य की उम्र जितनी कम होगी, उसका कॉन्ट्रिब्यूशन भी उतना ही कम होगा. अगर कोई 18 साल की उम्र में स्कीम से जुड़ेगा तो उसे 55 रुपये प्रति माह जमा करना होगा. इसी तरह 29 साल की उम्र वाले को 100 रुपये और 40 साल वाले 200 रुपये देने होंगे. यह अधिकतम कॉन्ट्रिब्यूशन है. यह रकम 60 साल की उम्र तक जमा करनी होगी. जितना प्रीमियम जमा किया जाएगा, उतनी ही राशि सरकार भी सदस्य के नाम से जमा कराएगी.
कौन नहीं ले सकता है फायदा?
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति या कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ), नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) या राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) के सदस्य या आयकर का भुगतान करने वाले लोग इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं.
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने नौकरीपेशा वर्ग की तरह रिटायरमेंट के बाद अब किसानों को भी पेंशन योजना की सौगात दी है. केन्द्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही किसान मानधन योजना में अभी रजिस्ट्रेशन हो रहा है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 3000 रुपये पेंशन दे रही है. अब तक इस योजना में करीब 21 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं.
कौन कर सकता है आवेदन?
18 से 40 की उम्र का कई किसान पीएम किसान मानधन योजना के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए आवेदक किसान को 55 रुपये से 200 रुपये के बीच हर महीने 60 साल की उम्र तक योगदान करना होता है. 60 की उम्र के बाद किसानों को योजना के तहत कम से कम 3 हजार रुपये महीना पेंशन दी जाती है. इस पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) करती है.
कौन ले सकता योजना का लाभ?
किसान पेंशन योजना के तहत 18 से 40 वर्ष तक की आयु वाला कोई भी किसान इसमें रजिस्ट्रेशन करा सकता है. हालांकि, वहीं किसान इस योजना का फायदा उठा सकते हैं जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर तक ही खेती योग्य जमीन है.
इन्हें योजना के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम 40 साल तक 55 रुपये से 200 रुपये तक मासिक अंशदान करना होगा, जो किसान की उम्र पर निर्भर है. अगर 18 साल की उम्र में जुड़ते हैं तो मासिक अंशदान 55 रुपये हर महीने होगा. वहीं अगर 30 साल की उम्र में इस योजना से जुड़ते हैं तो110 रुपये हर महीने अंशदान करना होगा. इसी तरह अगर आप 40 की उम्र में जुड़ते हैं तो 200 रुपये महीना योगदान करना होगा.
किसान की मुत्यु पर पत्नी को मिलेगी पेंशन
अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो किसान की पत्नी पारिवारिक पेंशन के रूप में 50% पेंशन पाने का हकदार होगी. यदि किसान ने इस योजना में नियमित रूप से योगदान दिया है और 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले किसी भी कारण से स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है और इस योजना के तहत योगदान जारी रखने में असमर्थ है, तो किसान की पत्नी नियमित रूप से भुगतान करके बाद में इस योजना को जारी रखने की हकदार होगी. ऐसे किसान की पत्नी अगर चाहें तो स्कीम से बाहर निकल सकती हैं. ऐसी स्थिति में ब्याज के साथ पेंशन फंड द्वारा वास्तव में अर्जित या बचत बैंक ब्याज दर पर ब्याज, जो भी अधिक हो दी जायेगी.
इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ
नेशनल पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में शामिल लघु और सीमांत किसान. वे किसान जिन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय दवारा संचालित प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के लिए विकल्प चुना है. वे किसान जिन्होंने श्रम और रोजगार मंत्रालय दवारा संचालित प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना के लिए विकल्प चुना है.
