पोस्त (पॉपी, Poppy) या पोस्ता फूल देने वाला एक पौधा है जो पॉपी कुल का है। पोस्त भूमध्यसागर प्रदेश का देशज माना जाता है। यहाँ से इसका प्रचार सब ओर हुआ। इसकी खेती भारत, चीन, एशिया माइनर, तुर्की आदि देशों में मुख्यत: होती है। भारत में पोस्ते की फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बोई जाती है। पोस्त की खेती एवं व्यापार करने के लिये सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। पोस्ते के पौधे से अहिफेन यानि अफीम निकलती है, जो नशीली होती है।
बहुत से देशों में पोस्त की खेती उसके बीजों के लिये, जिन्हें खसखस या पोस्तदाना कहते हें, की जाती है। बीज सफेद या काले रंग के होते हैं। इनमें तेल की मात्रा 40 से 60 प्रतिशत तक होती है। तेल खाद्य सामग्री में काम आता है। बीज मिठाई, ‘ठंढाई’ आदि बनाने में उपयोगी हैं। खसखस में नशीला पदार्थ नहीं होता। यह औषधियुक्त भी मानी गई है तथा अपने पौष्टिक गुणों के कारण खसखस लोकप्रिय है। गढ़वाल जिले में पोस्त के हरे पत्तों से सब्जी भी बनाई जाती है।
पोस्त के फल के अन्दर छोटे-छोटे बीज होते हैं जिन्हें खसखस के नाम से जाना जाता है। ये बीज मसालों एवं मिठाइयों में प्रयुक्त होते हैं। खसखस में अफीम की तरह नशा नहीं होता।
