किसान भाई भिंडी लगाएं, लाभ कमाएं
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करते हैं भिंडी की फसल के बारे में। गर्मियों के मौसम में भिंडी प्रमुख सब्जी है। देशभर में इसकी भारी मांग रहती है। देश के कई हिस्सों में किसान भाई भिंडी की फसल से एक सीजन में लाखों रुपए कमाते हैं। ट्रैक्टर किसान भाइयों को भिंडी की फसल से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियां साझा कर रहा है।भिंडी की उन्नतशील किस्मों का चुनाव
मौसम की दृष्टि से भिंडी दो प्रकार की होती है। एक जायद की भिंडी व दूसरी खरीफ की भिंडी।
जायद की भिंडी : इसका पौधा छोटा व शीघ्र फल देता है।
खरीफ की भिंड़ी : इसका पौधा लंबा व अपेक्षाकृत देर से फसल में आता है। परंतु दोनों मौसमों के बीजों में कोई अंतर नहीं होता है। कुछ किस्मों को दोनों मौसमों में बोया जाता है। भिंडी की बहुत सी किस्में पायी जाती है।
उन्नत किस्में : परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, पूजा ए-4, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब-13 भिंडी की उन्नत किस्में मानी जाती है।
अन्य किस्में : वर्षा, उपहार, वैशाली, लाल हाइब्रिड, ई.एम.एस.-8 (म्यूटेंट), वर्षा, विजय, विशाल आदि।आमतौर पर भिंडी को सभी प्रकार की भूमि में पैदा किया जा सकता है। परंतु अधिक और सफल उत्पादन की दृष्टि से अच्छे जल निकासी वाली उपजाऊ दोमट, बलुई दोमट तथा मटियार दोमट मृदा उपयुक्त होती है। अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी की जलधारण क्षमता अधिक होनी चाहिए। वर्षा ऋतु में लगाई जाने वाली भिंडी के लिए मिट्टी का जल निकास अच्छा होना चाहिए अन्यथा पौध गलन की अधिक संभावना होती है।
भिड़ी फसल के लिए बीज उपचार
इसके लिए बीज को को पानी में 24 से 36 घंटे के लिए भिगो दिया जाता है। तत्पश्चात छाया वाले स्थान पर सूखने के लिए रख देते हैं। बुवाई से पूर्व बीज को 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से किसी भी फफूंदीनाशक में अच्छी प्रकार से मिला देना चाहिए।
