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मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें

Posted on December 11, 2020 By User No Comments on मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें

अगर आप किसान है और अतिरिक्त धन कमाकर अपना एक नया व्यापार खोलना चाहते है, तो मशरूम की खेती करना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. हालांकि इसमें अच्छी पैदावार पाने हेतु आपको बहुत ख्याल रखना होता है, अगर आप इसमें मेहनत करते हैं तो फायदा भी काफी ज्यादा होता है. अभी हाल में ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में इसकी खेती आरम्भ हो चुकी है. इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे ठंड़े राज्यों में भी मशरूम की खेती की जाने लगी है. पूरे विश्व में एशिया एवं अफ्रीका के क्षेत्रों में इसकी मांग काफी अधिक देखने को मिलती है.

मशरूम क्या है 

मशरूम एक तरह का पौधा है लेकिन फिर भी इसको मांस की तरह देखा जाता है. मतलब आप इसको शाकाहारी पौधा तो नहीं कह सकते हैं. इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन एवं पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे की विटामिन डी. यह फफूंद से बनता है और इसके आकार के बारे में कहा जाय तो लगभग एक छत्ते के आकार का होता है.

मशरूम के प्रकार

अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी लगभग 10000 किस्में हमारी धरती पर मौजूद है. लेकिन अगर व्यापार के नजरिये से देखें तो मशरूम की लगभग 5 किस्में ही मौजूद है, जिनमें से सिर्फ 5 ही किस्में अच्छी मानी जाती है. जिनके नाम क्रमशः बटन मशरूम, पैडी स्ट्रॉ, स्पेशली मशरूम, दवाओं वाली मशरूम, धिंगरी या ओएस्टर मशरूम हैं. इनमें बटन मशरूम सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली किस्म है. कभी-कभी इसको मिल्की मशरूम भी कहा जाता है.

मशरूम बीज की कीमत 

इसके बीज की कीमत लगभग 75 रुपए प्रति किलोग्राम होती है, जो कि ब्रांड और किस्म के अनुसार बदलती रहती है. इसलिए आपको पहले यह तय करना होगा, कि आप किस किस्म की मशरूम को उगाना चाहते है. 

मशरूम कहां बेच सकते है 

मशरूम की मांग कई जगहों पर होती है, इसको बेचने के लिए उपयुक्त स्थानों में होटल, दवाएं बनाने वाली कंपनियां आदि आते हैं. इसके अलावा मशरूम का उपयोग अधिकतर चाइनीज खाने में किया जाता है. इसके अन्य लाभकारी गुणों के कारण इसको मेडिकल के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसका निर्यात एवं आयात भी कई देशों में किया जाता है, अर्थात इसको बेचने के लिए बहुत से क्षेत्र मौजूद है.

मशरूम का व्यापार करने के तरीके

आप कृतिम (रसायन प्रक्रिया) से ही मशरूम उगा सकते है. इसके लिए आपके पास जगह होनी चाहिए, जिस पर आप मशरूम आसानी से उगा सकें. हमारे देश में मशरूम का व्यापार अभी दो तरीके से होने लगा है. आप चाहें तो कोई कंपनी बना कर, इसका व्यापार आरम्भ कर सकते है. दूसरा तरीका- अगर आपके पास खेत है मतलब आप किसान है, तो आप इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं, बस आप लकड़ी की सहायता से उस जमीन को एक बंद कमरे की तरह ढक लें. तो ये व्यापार आपके लिए नया वरदान साबित हो सकता है.

मशरूम के व्यापार में खर्च होने वाली राशि 

इस पर लगाई जाने वाली राशि आपकी क्षमता एवं व्यापार के स्तर के अनुसार बदलती रहती है. इस व्यापार में बस आपको इसकी देखभाल एवं उगाने के स्थान को बनाने में ही पैसे लगाने पड़ेगें. इसके अलावा कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करने के लिए भी खर्च आएगा. अगर आप छोटा व्यापार शुरू करते है, तो 10000 रुपए से 50000 रुपए तक लगा सकते हैं. वहीं बड़े व्यापार के लिए आप 1 लाख रुपय से 10 लाख रुपए का निवेश करना उचित रहेगा.

मशरूम के व्यापार में मिलने वाला लाभ

व्यापार में लाभ की बात करें तो पूरे विश्व में इस व्यापार में हर साल 12.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है. इसका तात्पर्य यह है, कि आप इस व्यापार में कम समय में ही अच्छा मुकाम हासिल कर सकते है. अगर आप 100 वर्गमीटर में व्यापार आरम्भ करते है, तो आपको लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख तक का लाभ मिल सकता है, वो भी हर साल. हालांकि ये आपकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाली तकनीकी पर निर्भर करेगा.

कच्चा माल या बनाने के लिए उपयुक्त माल और स्थान 

भारत की बात करें तो इसको सर्दियों के समय में उगाया जाता है. क्योंकि इसकी खेती के दौरान तापमान कम होना चाहिए, इसके साथ ही मशरूम को उगाने के लिए घास-फूस या फिर आप गेहूं एवं धान के भूसे की आवश्यकता होती है. इसकी सुरक्षा हेतु आपको कीटनाशक दवाएं एवं इसका बीज भी खरीदना होता है. मशरूम की खेती कमरे में भी की जा सकती है. बस आपको ध्यान रखना होगा कि इसे सिर्फ नमी में ही उगाया जाता है. इसके अलावा आपको कई कार्बनिक अकार्बनिक यौगिकों, नाइट्रोजन पोषकों को भी खरीद ले, इसके इस्तेमाल से उत्पादन क्षमता में अच्छी खासी वृद्धि मिल जाती है.

बड़े स्तर पर मशरूम की खेती 

बड़े स्तर पर मशरूम की खेती हेतु आपको बड़े स्थान के साथ-साथ बीज की मात्रा में भी वृद्धि करनी होती है. मतलब अंतर सिर्फ स्थान, लागत एवं कच्चे माल को खरीदने में ही होता है. मशरूम उगाने की प्रक्रिया तो सभी की एक समान ही होती है.

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