Skip to content
  • उत्तराखंड सरकार
  • Government of Uttarakhand
Rajya Kisan Ayog

Rajya Kisan Ayog

राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड

  • Home
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Ayog Meeting
  • Meeting With Farmers
  • Scheme Exclusion
  • Guidelines
  • FAQ
  • अन्य लिंक
  • Toggle search form

अंगूर की बेल की रोपाई और पौधों के बीच की दूरी – प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या

Posted on December 10, 2020 By User No Comments on अंगूर की बेल की रोपाई और पौधों के बीच की दूरी – प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या


रोपाई का दिन अंगूर की किस्म, मौसम की स्थितियों और किसान की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। आदर्श रूप से, हम पूरी सर्दियों के दौरान अपने बेंच ग्राफ्ट की रोपाई कर सकते हैं। हालाँकि, ज्यादातर मामलों में सर्दियों का दूसरा भाग ज्यादा उपयुक्त समय होता है।
किसान आमतौर पर 1 साल पहले रोपे गए पौधे पसंद करते हैं। कुछ उत्पादक अपने से कटिंग हटाकर उन्हें रूटस्टॉक की किस्मों पर ग्राफ्ट करना पसंद करते हैं। हालाँकि, किसी वैध विक्रेता से अपने पौधों को खरीदना हमेशा सबसे अच्छा समाधान होता है।

पिछले अध्यायों में वर्णित सभी तैयारी चरणों के बाद, हम रोपाई शुरू कर सकते हैं। उत्पादक मिट्टी पर उन सटीक बिंदुओं को चिन्हित करते हैं जहाँ वे छोटे पौधे लगाएंगे। पिछली शताब्दी के दौरान, वे रस्सियों और छड़ियों का इस्तेमाल करके बेलों को रैखिक रूप से लगाना सुनिश्चित करते थे। आजकल, तकनीक से किसानों को मदद मिलती है, क्योंकि वे उच्च सटीकता वाले लेज़रों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद, वे 30-50 सेमी (12-20 इंच) के गड्ढे खोदते हैं और रोपाई करते हैं। रोपाई हाथ से या लेजर प्लांटर का प्रयोग करके की जा सकती है। हाथ से रोपाई करने की तुलना में लेज़र से रोपाई करना इसलिए ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इससे बहुत सटीकता के साथ और सही दूरी पर तेजी से रोपाई करना संभव होता है। दूसरी ओर, ढलान वाले खेतों में रोपाई करने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
जड़ वाले बेंच ग्राफ्ट्स की बात आने पर, उन्हें इतनी गहराई में रोपना जरूरी होता है कि जोड़ बिंदु को मिट्टी की सतह से 4-5 सेमी (1,6 – 2 इंच) ऊपर तक रखा जा सके। अगर हम जोड़ बिंदु को ढंक देते हैं तो साइअन से जड़ें निकलना शुरू हो सकती हैं। ये जड़ें तेजी से बढ़ना शुरू होंगी और रूटस्टॉक की जड़ों को पीछे छोड़ देंगी। यह एक बड़ी समस्या होगी। हालाँकि, पाले के उच्च जोखिम वाले देशों में, कुछ किसान पौधों की सुरक्षा के लिए, रोपाई के बाद पूरे पौधे को मिट्टी से ढंक देते थे। इसके कुछ हफ्ते बाद वो साइअन की किसी भी जड़ सहित अतिरिक्त मिट्टी हटा देते हैं।

जहाँ तक रोपाई की दूरी और संख्या की बात है, तो एक बार फिर से हमारी किस्मों, मिट्टी की संरचना, कार्बनिक पदार्थ, अंगूर के खेत के प्रकार और उगाने की तकनीकों के आधार पर हमारे पास बहुत सारे अलग-अलग पैटर्न मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, उपजाऊ मिट्टी वाले सींचे गए अंगूर के खेत में, आमतौर पर सीधे सेवन की जाने वाली अंगूर की किस्मों के संबंध में प्रति हेक्टेयर 2000-2500 पौधे के पैटर्न का प्रयोग किया जाता है, जबकि 10-12 टन प्रति हेक्टेयर की उपज वाली वाइन की किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 3000-3500 पौधे लगाए जा सकते हैं।

प्रति हेक्टेयर 3000 से 4000 पौधों की संख्या के लिए, कई उत्पादक अंगूर की बेलों की पंक्तियों के बीच 2 – 2,5 मीटर (6,5 से 8,2 फीट) की दूरी और पौधों के बीच 1,25 – 1,35 मीटर (4,1 – 4,4 फीट) की दूरी रखना पसंद करते हैं। अन्य उत्पादक पंक्तियों के बीच 2,5 मीटर (8,2 फीट) और पौधों के बीच 1,15 मीटर (3,8 फीट) की दूरी पसंद करते हैं। ध्यान रखें कि 1 हेक्टेयर = 2,47 एकड़ = 10.000 वर्ग मीटर।

सभी किस्मों के लिए दूसरे पैटर्न की सलाह नहीं दी जाती है। इसका कारण यह है कि पंक्ति में पौधों के बीच इतनी कम दूरी रखने पर, दो आसपास के पौधों की जड़े आपस में हस्तक्षेप कर सकती हैं। आमतौर पर, पौधों के बीच 1 मीटर (3,3 फीट) से कम की दूरी से बचा जाना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से पत्ते एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगेंगे और पौधों के जमावड़े को बढ़ावा देंगे, जिसकी वजह से फसल में खराब वातन और कम वायु संचार जैसी समस्याएं आ जाती हैं।

सबसे समकालीन सीधे खाने के लिए प्रयोग की जाने वाली अंगूर की किस्मों के लिए पंक्तियों के बीच 3 मीटर (9,8 फीट) और पंक्ति में पौधों के बीच 1,5 मीटर (5 फीट) की दूरी होनी चाहिए।

कुछ किसान ओला-रोधी जालियों का प्रयोग करते हैं। ये जालियां पक्षियों से भी फसल की सुरक्षा करती हैं।

Post

Post navigation

Previous Post: अंगूर की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकताएं और तैयारी
Next Post: अंगूर प्रशिक्षण प्रणालियां और विधियां

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News & Updates

The First Meeting is being conducted on 02/08/2021.

National Website

  •  National portal of India
  •  Ministry of Comm. & IT
  •  Portal for Public Grievances
  •  Government Web Guidelines
  •  National Knowledge Network

Uttarakhand Govt. Websites

  •  Election Commission of India
  •  Chief Electoral Officer – Uttarakhand
  •  Uttarakhand Tourism Development Board
  •  Uttarakhand Government Orders
  •  Uttarakhand Transport Corporation (UTC)

Citizen Services

  •  e-District Jan Seva Kendra
  •  Tax Department
  •  e-Tendering System
  •  Court Cases
  •  MDDA

State at a Glance

  •  Governor
  •  Chief Minister
  •  Raj Bhawan
  •  uttarakhand vidhan sabha
  •  Uttarakhand State AIDS Control Society

Copyright © 2025 Rajya Kisan Ayog.

Powered by Uttarakhand Rajya Kisan Ayog

Complaint
Enquiry
Suggestion Box
Subscribe

If you opt in above we use this information send related content, discounts and other special offers.