Skip to content
  • उत्तराखंड सरकार
  • Government of Uttarakhand
Rajya Kisan Ayog

Rajya Kisan Ayog

राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड

  • Home
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Ayog Meeting
  • Meeting With Farmers
  • Scheme Exclusion
  • Guidelines
  • FAQ
  • अन्य लिंक
  • Toggle search form

औषधीय पौधों की खेती को सरकार दे रही बढ़ावा, इन-इन फसलों पर मिल रही है सब्सिडी

Posted on December 24, 2020December 24, 2020 By User No Comments on औषधीय पौधों की खेती को सरकार दे रही बढ़ावा, इन-इन फसलों पर मिल रही है सब्सिडी

देश-दुनिया में हर्बल उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों में किसान परंपरागत खेती के अलावा औषधीय और जड़ी-बूटियों की तरफ भी अपना रुख कर रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी खेती कम हो रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसान भी औषधीय खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा सकें, इसके लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के जरिए उत्तर प्रदेश उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग यहां औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है।

इसमें औषधीय खेती के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। यह जानकारी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के एसपी जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के 75 में से 48 जिलों का चयन किया गया है। किस औषधि पर कितना अनुदान पौधा अनुदान सर्पगन्धा 45753 रुपए अश्वगंधा 10980.75 रुपए ब्राम्ही 17569.20 रुपए कालमेघ 10980.75 रुपए कौंच 8784.60 रुपए सतावरी 27451.80 रुपए तुलसी 13176.90 रुपए एलोवेरा 18672.20 रुपए वच 27451.80 रुपए आर्टीमीशिया 14622.25 रुपए फसल विविधता से किसानों को मिलेगा लाभ वर्षों से खेत में एक ही तरह की फसल उगाने से पैदावार क्षमता प्रभावित होती है।

ऐसे में खेत में फसल विविधता के लिए औषधीय खेती करने की सलाह कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से दी जाती है। इस बारे में जानकारी देते हुए नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फैजाबाद के कृषि मौसम विभाग के प्रोफेसर डॉ. एके सिंह ने बताया, ‘खेत की एक ही तरह की फसल लेने से खेत की उर्वरकता प्रभावित होती है। ऐसे में किसानों को फसल विविधता के लिए सलाह दी जाती है।

फसल विविधता के इस क्रम में अगर गेहूं और धान के खेतों को खाली होने के बाद अगर किसान उसमें औषधीय पौधों की खेती करेंगे तो यह उनके लिए बहुत लाभकारी होगा। अगली बार जब वह उसमें धान और गेहूं उगाएंगे तो उसकी पैदावार अधिक होगी।’ औषधीय खेती की कैसे करें बुवाई कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसआर मिश्रा ने बताया कि सर्पगंधा की एक हेक्टेयर की खेती के लिए सर्पगंधा की ताजी जड़ी 100 किलो, अश्वगंधा के लिए लिए प्रति हेक्टेयर 8 से 10 किलो बीज, ब्राम्ही के लिए प्रति हेक्टेयर 100 किलो बीज, कालमेघ के लिए प्रति हेक्टेयर 450 ग्राम बीज, कौंच के लिए प्रति हेक्टेयर नौ से लेकर 10 किलो बीज, सतावरी के लिए प्रति हेक्टेयर तीन किलो बीज, तुलसी के लिए प्रति हेक्टेयर एक किलो बीज, एलोवेरा के लिए प्रति हेक्टेयर पांच हजार पौधे, वच के लिए प्रति हेक्टेयर 74074 तना और आर्टीमीशिया के लिए प्रति हेक्टेयर 50 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। इन औषधियों में मिल रहा अनुदान इस योजना के तहत सर्पगन्धा, अश्वगंधा, ब्राम्ही, कालमेघ, कौंच, सतावरी, तुलसी, एलोवेरा, वच और आर्टीमीशिया जैसे औषधीय पौधों की खेती के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास अपने नाम से कम से कम एक एकड़ खेती की जमीन, खेत के पास सिंचाई साधन, किसान के पास बैंक में खाता और चेकबुक के साथ ही अपनी पहचान के लिए वोटर आईकार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड या पासपोर्ट में से कोई एक होना चाहिए। लाभुकों का चयन पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर किया जाएगा।

Post

Post navigation

Previous Post: खस की खेती: साल में 60-65 हजार रुपए की लागत से प्रति एकड़ हो सकती है डेेढ़ लाख तक की कमाई
Next Post: शीतलचीनी (कबाबचीनी) के फायदे एवं नुकसान

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News & Updates

The First Meeting is being conducted on 02/08/2021.

National Website

  •  National portal of India
  •  Ministry of Comm. & IT
  •  Portal for Public Grievances
  •  Government Web Guidelines
  •  National Knowledge Network

Uttarakhand Govt. Websites

  •  Election Commission of India
  •  Chief Electoral Officer – Uttarakhand
  •  Uttarakhand Tourism Development Board
  •  Uttarakhand Government Orders
  •  Uttarakhand Transport Corporation (UTC)

Citizen Services

  •  e-District Jan Seva Kendra
  •  Tax Department
  •  e-Tendering System
  •  Court Cases
  •  MDDA

State at a Glance

  •  Governor
  •  Chief Minister
  •  Raj Bhawan
  •  uttarakhand vidhan sabha
  •  Uttarakhand State AIDS Control Society

Copyright © 2025 Rajya Kisan Ayog.

Powered by Uttarakhand Rajya Kisan Ayog

Complaint
Enquiry
Suggestion Box
Subscribe

If you opt in above we use this information send related content, discounts and other special offers.