Skip to content
  • उत्तराखंड सरकार
  • Government of Uttarakhand
Rajya Kisan Ayog

Rajya Kisan Ayog

राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड

  • Home
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Ayog Meeting
  • Meeting With Farmers
  • Scheme Exclusion
  • Guidelines
  • FAQ
  • अन्य लिंक
  • Toggle search form

कम पानी में कोदो की खेती कर कमाएं, भारी मुनाफा !

Posted on December 24, 2020December 24, 2020 By User No Comments on कम पानी में कोदो की खेती कर कमाएं, भारी मुनाफा !

कोदो (Paspalum scrobiculatum) एक तरह का अनाज है जो बहुत कम बारिश में पैदा हो सकता है. नेपाल के अलावा भारत के विभिन्न हिस्सों में कोदो की पैदावार होती है. धान  के कारण इसकी खेती कम की जाती है. कोदो की खेती के लिए अच्छी ज़मीन और अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है. इसको पहली बारिश के बाद ही बुवाई की जाती है. इसका पौधा धान या बड़ी घास जैसा आकार का होता है.इस फसल को पकने के बाद साफ़ करने के बाद एक प्रकार का चावल निकलता है जो की खाने के काम आता है. कोदो की फसल ज़्यादा पकने पर खेत में ही दाने गिर जाते है. तो समय रहते इस फसल को काट कर खलिहान में डाल देते हैं. स्थानीय बोली में कोदो को भंगर चावल भी कहां जाता है. इस के दानो को चावल के रूप में खाया जाता है.

प्रोटीन- कोदो के दानो में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. यह कई गम्भीर बीमारियों के लिए लाभकारी है. कोदो यकृत (गुर्दों),मधुमेह नियन्त्रण और मूत्राशय आदी रोगों के लिए लाभकारी है. इसमें 1.4 प्रतिशत वसा,8.3 प्रतिशत तथा 65.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाई जाती है. वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार इनमें डायबिटीज, एनिमिया, लीवर संबंधी समस्या,अस्थमा मोटापे से बचाने वाले गुण है. इन अनाजों में प्रोटीन, फाइबर, बी काम्पलेक्स,अमीनो एसिड, फोलिक एसिड, विटामिन ई,मैग्निशियम, कैश्यिम, फास्फोरस, जिंक, कापर और पैटेशियम पाया जाता है.

कोदो की खेती-  इसकी खेती दूसरी फसल के साथ भी की जाती है कम वर्षा होने पर भी कोदो की खेती कर सकते है. सामान्य खेत की मिट्टी में भी कोदो की फसल को बोया जा सकता है.

जबलपुर संभाग में सभी प्रकार की लघु धान्य फसलें ली जाती है. लघु धान्य फसलों की खेती खरीफ के मौसम में की जाती है. सांवा, काकुन एवं रागी को मक्का के साथ मिश्रित फसल के रूप में लगाते हैं. रागी को कोदो के साथ भी मिश्रित फसल के रूप में लेते है. ये फसलें गरीब एवं आदिवासी क्षेत्रों में उस समय लगाई जाने वाली खाद्यान फसलें हैं जिस समय पर उनके पास किसी प्रकार अनाज खाने को उपलब्ध नहीं हो पाता है. ये फसलें अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितम्बर के प्रारंभ में पककर तैयार हो जाती है जबकि अन्य खाद्यान फसलें इस समय पर नही पक पाती और बाजार में खाद्यान का मूल्य बढ़ जाने से गरीब किसान उन्हें नही खरीद पाते हैं. अतः उस समय 60-80 दिनों में पकने वाली कोदो-कुटकी, सावां,एवं कंगनी जैसी फसलें महत्वपूर्ण खाद्यानों के रूप में प्राप्त होती है. जबलपुर संभाग में ये फसलें अधिकतर डिण्डौरी, मण्डला, सिवनी एवं जबलपुर जिलों में ली जाती है.

खाद एवं उर्वरक का उपयोग

प्रायः किसान इन लघु धान्य फसलों में उर्वरक का प्रयोग नहीं करते हैं. किंतु कुटकी के लिये 20 किलो नत्रजन 20 किलो स्फुर/हेक्टे. तथा कोदों के लिये 40 किलो नत्रजन व 20 किलो स्फुर प्रति हेक्टेयर का उपयोग करने से उपज में वृद्धि होती है. उपरोक्त नत्रजन की आधी मात्रा व स्फुर की पूरी मात्रा बुवाई के समय एवं नत्रजन की शेष आधी मात्रा बुवाई के तीन से पांच सप्ताह के अन्दर निंदाई के बाद देना चाहिए. बुवाई के समय पी.एस.बी. जैव उर्वरक 4 से 5 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से 100 किग्रा. मिट्टी अथवा कम्पोस्ट के साथ मिलाकर प्रयोग करें.

निंदाई – गुड़ाई

बुवाई के 20-30 दिन के अन्दर एक बार हाथ से निन्दाई करना चाहिए तथा जहां पौधे न उगे हों वहां पर अधिक घने ऊगे पौधों को उखाड़कर रोपाई करके पौधों की संख्या उपयुक्त करना चाहिए. यह कार्य 20-25 दिनों के अंदर कर ही लेना चाहिए. यह कार्य पानी गिरते समय सर्वोत्तम होता है.

Post

Post navigation

Previous Post: 40 औषधीय पौधों की खेती के अनुकूल है प्रदेश की जलवायु, किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई
Next Post: विलुप्त होती जेठी सांवा की खेती के लिए सरकार दे रही मदद

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News & Updates

The First Meeting is being conducted on 02/08/2021.

National Website

  •  National portal of India
  •  Ministry of Comm. & IT
  •  Portal for Public Grievances
  •  Government Web Guidelines
  •  National Knowledge Network

Uttarakhand Govt. Websites

  •  Election Commission of India
  •  Chief Electoral Officer – Uttarakhand
  •  Uttarakhand Tourism Development Board
  •  Uttarakhand Government Orders
  •  Uttarakhand Transport Corporation (UTC)

Citizen Services

  •  e-District Jan Seva Kendra
  •  Tax Department
  •  e-Tendering System
  •  Court Cases
  •  MDDA

State at a Glance

  •  Governor
  •  Chief Minister
  •  Raj Bhawan
  •  uttarakhand vidhan sabha
  •  Uttarakhand State AIDS Control Society

Copyright © 2025 Rajya Kisan Ayog.

Powered by Uttarakhand Rajya Kisan Ayog

Complaint
Enquiry
Suggestion Box
Subscribe

If you opt in above we use this information send related content, discounts and other special offers.