जैविक खेती क्या होती है, इसके क्या क्या महत्व है और हमारे लिए किस प्रकार फायदेमंद होती है ये समस्त जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।
जैविक खेती कृषि की एक ऐसी विधि है जिसमे संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों का न्यूनतम प्रयोग किया जाता है तथा भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है।
जैविक खेती से मानव स्वास्थ्य का बहुत ही गहरा संबंध होता है। इस विधि से खेती करने से शरीर तुलनात्मक रूप से अधिक स्वस्थ रहता है। इससे इंसान की आयु भी बढ़ती है और आगे आने वाली पीढ़ी भी स्वस्थ रहती है।
कीटनाशक और खाद का प्रयोग करने से फसल जहरीली होती है इसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है इसीलिए जैविक खेती करनी चाहिए क्योंकि इससे फसल और स्वास्थ्य खराब नहीं होता।
कंपोस्ट एक प्रकार की खाद्य जो जैविक पदार्थों के अपघटन से प्राप्त की जाती है। कंपोस्ट बनाने का सबसे सरल तरीका है इसमें जैव पदार्थों का ढेर बनाकर कुछ समय तक प्रतीक्षा करना होता है। जिससे उस का विघटन हो जाए उसके बाद वह ह्यूमरस में बदल जाता है। कंपोस्ट बनाने की आधुनिक विधि कई चरणों में पूरा होता है।
जैविक खेती से जुड़ी कुछ बातें
फसल विविधता
बढ़ती फसल की मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न फसलों की एक साथ खेती की जा सकती है।
मृदा प्रबंधन
खेतों में फसलों को उगाने के बाद मिट्टी अपना पोषक तत्व खो देती है और इसकी गुणवत्ता भी कम हो जाती है जैविक कृषि मिट्टी के स्वस्थ को बढ़ाने में सहायता करता है।
खरपतवार प्रबंधन
कार्बनिक कृषि खरपतवार को कम करने में सहायता करता है।
अन्य जीवों को नियंत्रित करना
खेत में उपयोगी और हानिकारक जीव दोनों पाए जाते हैं जो क्षेत्र को प्रभावित भी करते हैं फसल और मिट्टी के बचाव के लिए जीवों के विकास को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है इसमें जड़ी बूटियों और कीटनाशकों के उपयोग से किया जाता है जिसमें बहुत कम रसायन होते हैं।
पशुधन
घरेलू जानवरों का उपयोग जैविक खेती की स्थिरता को बनाए रखने में किया जाता है।
आनुवंशिक संशोधन
जेनेटिक संशोधन का उपयोग जैविक कृषि में नहीं किया जाता है क्योंकि कार्बनिक खेती प्राकृतिक नियमों पर आधारित होती है।
